Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
यह सुनकर खुशी हो रही है! रामचरित मानस और पंचतंत्र की ऐतिहासिक महत्ता को मान्यता मिलना बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह UNESCO के माध्यम से इन महाकाव्यों की सांस्कृतिक और शैक्षिक महत्ता को और भी अधिक प्रमोट करेगा। यह स्मरणीय है कि ऐसे महत्वपूर्ण ग्रंथों को संरक्षित रखा जा रहा है और उनका महत्त्व विश्व स्तर पर मान्यता मिल रही है।
प्राचीन रामचरितमानस की सचित्र पांडुलिपियाँ और पंचतंत्र दंतकथाओं की 15वीं शताब्दी की पांडुलिपि एशिया प्रशांत क्षेत्र की 20 वस्तुओं में से हैं, जिन्हें 2024 चक्र के लिए यूनेस्को की मेमोरी ऑफ़ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर में अंकित किया गया है।
Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (UNESCO) ने वैश्विक मान्यता दी है
इन लेखों को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर (MOWCAP) में रखा गया है।
Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
इस लिस्ट में विश्वव्यापी महत्व और विश्वविद्यालयीय मूल्य के आधार पर विश्व मेमोरियल (MoW) इंटरनेशनल एडवाइजरी और एग्जीक्यूटिव बोर्ड द्वारा संग्रहित दस्तावेजों को शामिल किया गया है। रीजनल रजिस्टर में शामिल दस्तावेजों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है। साथ ही, एक देश की संस्कृति विश्व भर में फैलती है।
संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि रामचरितमानस, पंचतंत्र और सह्रदयलोक-लोकन ने भारतीय साहित्य और संस्कृति को बहुत प्रभावित किया है। इन साहित्यिक कृतियों ने भारत के बाहर के लोगों को भी प्रभावित किया है। यूनेस्को ने इन लेखों को मान्यता दी, जो भारत की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को गौरव की बात है। साथ ही, यह सम्मान भारतीय संस्कृति को बचाने में मदद करेगा।
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गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में रामचरितमानस लिखा, जो भगवान राम के जीवन पर आधारित है। पंचतंत्र मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखा गया है, जिसमें दंत और लोक कथाएं शामिल हैं, इस विष्णु शर्मा ने लिखा है। वहीं आचार्य आनन्दवर्धन ने सहृदयलोक-लोकन को संस्कृत में लिखा था।
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रामचरितमानस की कहानी भगवान राम के जीवन को वर्णित करती है, जिसे संत तुलसीदास ने अवधी भाषा में रचा था। इस काव्य ग्रंथ में भगवान राम के जीवन के कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम, उनकी लीलाएं, और उनके धर्मिक और नैतिक उपदेशों को संक्षेप में विवरणित किया गया है। यह कविता अधिकांश भारतीय समाज में रामायण के किस्सों और कथाओं को प्रस्तुत करती है, जो भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, और हनुमान के विशेष रूप से चित्रित रहने का प्रयास करती है।
कवि तुलसीदास ने रामायण के कथानक को अपनी कविता में बहुत ही रसभरी और आत्मीय भाषा में प्रस्तुत किया है। राम के बारे में उनके बाल्य, युवावस्था, विवाह, वनवास, लंका दहन, और अयोध्या में लौटने जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों को समेटा गया है। उनकी पत्नी सीता, उनके भाई लक्ष्मण, और वानर सेना के वीर योद्धा हनुमान भी इस कविता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, रामचरितमानस में विभिन्न संतों के उपदेश और सिद्धांतों का भी वर्णन किया गया है।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
तुलसीदास
ने रामायण के आधार पर ही अवधी भाषा में रामचरितमानस लिखी. साहित्य के इतिहासकारों के अनुसार, तुलसीदास ने अयोध्या में रामनवमी के दिन साल 1574 से रामचरितमानस लिखने की शुरुआत की थी
- रामचरितमानस, भगवान राम के जीवन को विविधता से वर्णित करने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदी काव्य ग्रंथ है। इसे संत तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखा था। रामचरितमानस का रचना काल 16वीं सदी में हुआ था। यह काव्य ग्रंथ भगवान राम की महिमा, भक्ति, धर्म, और नैतिकता को प्रस्तुत करता है। यह भारतीय साहित्य के प्रमुख ग्रंथों में से एक है और आधुनिक हिंदी भाषा और साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रामचरितमानस में भगवान राम के जीवन के कई पहलूओं को संवेदनशीलता से वर्णित किया गया है, जिससे पाठकों को धार्मिक, नैतिक और सामाजिक सन्देश मिलते हैं।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
विष्णुशर्मा
- महामहोपाध्याय पं॰ सदाशिव शास्त्री के अनुसार पञ्चतन्त्र के रचयिता विष्णुशर्मा थे और विष्णुशर्मा चाणक्य का ही दूसरा नाम था। अतः पंचतन्त्र की रचना चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में ही हुई है और इसका रचना काल 300 ई. पू. माना जा सकता है।
- पंचतंत्र एक प्राचीन संस्कृत कथा-संग्रह है जिसे भारतीय साहित्य में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कथा-संग्रह विभिन्न प्राणियों के बीच होने वाले संवादों के माध्यम से नैतिक और जीवन सीखों को सिखाता है। पंचतंत्र के किस्से आम तौर पर हिंदी कहानियों के रूप में भी प्रसिद्ध हैं।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
पंचतंत्र कथाएँ विभिन्न प्राणियों के बीच होने वाले संवादों के माध्यम से नैतिक और जीवन सीखों को प्रस्तुत करती हैं। यह कहानियाँ विभिन्न प्राणियों के चालाकी, बुद्धिमत्ता, और समझदारी को उजागर करती हैं। पंचतंत्र कथाएँ बच्चों से लेकर वयस्कों तक सभी को नैतिक और जीवन सीखों को समझाने के लिए प्रेरित करती हैं।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
यहाँ कुछ प्रमुख पंचतंत्र कहानियों का संक्षेप दिया गया है:
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“लोमड़ी और कौवा”: इस कहानी में एक चालाक लोमड़ी और एक बुद्धिमान कौवा के बीच होने वाले संवाद का वर्णन है। लोमड़ी अपनी चालाकी से कौवे को धोखा देती है, लेकिन उसका अपराध सामने आते ही कौवा उससे बदला लेता है। इस कहानी से बुद्धिमत्ता और सावधानी की महत्वपूर्णता को समझाया जाता है।
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“खरगोश और कछुआ”: इस कहानी में एक चालाक खरगोश और एक धीमा कछुआ के बीच की दोस्ती का वर्णन है। खरगोश अपनी चालाकी से कछुए को धोखा देता है, लेकिन उसका अपराध सामने आते ही कछुआ उससे बदला लेता है। यह कहानी साथीत्व और सच्चाई की महत्वपूर्णता को समझाती है।
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“शेर और लोमड़ी”: इस कहानी में एक शेर और एक चालाक लोमड़ी के बीच होने वाले संवाद का वर्णन है। लोमड़ी अपनी चालाकी से शेर को मूर्ख बना देती है, लेकिन शेर का अपराध सामने आते ही वह उससे बदला लेता है। इस कहानी से बुद्धिमत्ता और सतर्कता की महत्वपूर्णता को समझाया जाता है।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
पंचतंत्र की रचना आचार्य विष्णु शर्मा ने की थी, जो गुप्तकाल में थे। इस संग्रह में प्राणियों के बीच वार्ता के माध्यम से नीतिकथाएं, बुद्धिमत्ता, और जीवन के अनुभवों का संग्रह है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि यह नैतिक और जीवन सीखों को विविधता से प्रस्तुत करके पाठकों को समझाए।
पंचतंत्र की कहानियाँ विभिन्न प्राणियों जैसे लोमड़ी, सियार, हिरण, शेर, और बंदर के बीच होने वाले संवादों के माध्यम से अद्भुत नैतिक और जीवन सीखों को प्रस्तुत करती हैं।
रामचरितमानस का मुख्य उद्देश्य है भगवान राम के जीवन को और उनके धर्मिक और नैतिक उपदेशों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना। संत तुलसीदास ने अपनी रचना में भगवान राम के चरित्र, उनकी भक्ति, और धर्म के महत्त्व को विस्तार से वर्णित किया है।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
इस ग्रंथ का महत्वपूर्ण उद्देश्य है मानव जीवन को संदेश और साधनाओं के माध्यम से उजागर करना, और भक्ति, नैतिकता, और धर्म की महत्वपूर्णता को प्रस्तुत करना। यह काव्य ग्रंथ राम की कथा के माध्यम से लोगों को धार्मिक और नैतिक मूल्यों का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है और उन्हें सार्थक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इसके अलावा, यह ग्रंथ साहित्यिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है और हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया हैMemory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
रामचरितमानस और पंचतंत्र दोनों ही महत्वपूर्ण हिंदी साहित्य के प्रमुख ग्रंथ हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ मुख्य अंतर हैं:
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कथा का ध्येय (Purpose of the Narrative):
- रामचरितमानस: इसका मुख्य ध्येय है भगवान राम के जीवन को और उनके धर्मिक और नैतिक उपदेशों को प्रस्तुत करना। यह ग्रंथ भक्ति, नैतिकता, और धर्म की महत्वपूर्णता पर बल देता है।
- पंचतंत्र: इसका मुख्य उद्देश्य नैतिक और जीवन सीखों को प्रस्तुत करना है, जो विभिन्न प्राणियों के बीच होने वाले संवादों के माध्यम से सिखाया जाता है।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
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भाषा (Language):
- रामचरितमानस: इसे संत तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखा है।
- पंचतंत्र: पंचतंत्र की मूल रचना संस्कृत में हुई थी, लेकिन यह अनेक भाषाओं में अनुवादित हो चुका है और इसके कहानियाँ विभिन्न भाषाओं में प्रसिद्ध हैं।
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कहानियों का प्रकार (Type of Stories):
- रामचरितमानस: यह एक महाकाव्य है जो भगवान राम के जीवन को वर्णित करता है।
- पंचतंत्र: यह एक कथा-संग्रह है जो नैतिक और जीवन सीखों को प्रस्तुत करता है, जिसमें विभिन्न प्राणियों के बीच होने वाले संवादों की कहानियाँ होती हैं।
रामचरितमानस और पंचतंत्र दोनों ही ग्रंथों में अनेक नैतिक सीखें और मूल्यों का उचित प्रस्तुतिकरण होता है।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
रामचरितमानस की नैतिक सीखें:
- ईमानदारी, समर्पण, और धार्मिकता की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है।
- विश्वास, सहानुभूति, और धर्म के प्रति समर्पण का महत्व बताता है।
- परिवार और समाज में सामंजस्य, सहानुभूति, और प्रेम की महत्वपूर्णता को उजागर करता है।
पंचतंत्र की नैतिक सीखें:
- अनुशासन, बुद्धिमत्ता, और समझदारी की महत्वपूर्णता को बताता है।
- समस्याओं का सामना करने के लिए बुद्धिमानी, युक्ति, और साहस की आवश्यकता को उजागर करता है।
- समाज में व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के नैतिकता के महत्व को उजागर करता है।
इन ग्रंथों में समाजिक, धार्मिक, और नैतिक मूल्यों को साझा करने का उद्देश्य है जो पाठकों को समृद्ध, सहयोगी, और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
पंचंतंत्र में लिखा है कि-
उपदेशो हि मूर्खाणां, प्रकोपाय न शान्तये।
पयःपानं भुजडाग्नां केवल विषवर्धनम्।।
इस श्लोक का सरल अर्थ यह है कि किसी मूर्ख को दिया गया ज्ञान या सलाह, उसके क्रोध को बढ़ाने वाली होती है। जिस तरह सापों को दूध पिलाने से उनका विष ही बढ़ता है।Memory Of The World Asia By UNESCO On Ramcharitmanas And Panchatantra in 2024
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