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Voters ने दिखाया उत्साह, त्रिपुरा में 80 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग,

 

259 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में बंद

2018 की तुलना में तकरीबन 2 प्रतिशत मतदान अधिक 

 

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में ओटर्स ने एक बार फिर उत्साह और सक्रियता का प्रदर्शन किया है। चुनाव की उच्च स्तरीय भागीदारी का परिणाम यह है कि चुनाव कमिशन के अनुसार, शाम चार बजे तक त्रिपुरा में मतदान की दर 81.11 प्रतिशत रही। यह बहुत ही उत्तेजक और प्रेरक है कि लोगों ने अपने मताधिकार का सही उपयोग किया और लोकतंत्र की मजबूती को महसूस किया।

त्रिपुरा के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चौबीस सीटें जीतकर राज्य में सरकार बनाई थी। इस बार के चुनाव में भी लोगों की भागीदारी ने दिखाया कि उन्हें लोकतंत्रिक प्रक्रिया में विश्वास है और वे अपने अधिकारों का सदुपयोग करने के लिए तत्पर हैं।

चुनावी प्रक्रिया में, ओटर्स की उच्च संख्या का उल्लेख अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से सराहनीय है कि लोगों ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सक्रिय भाग लिया। चुनाव की उच्च स्तरीय भागीदारी से स्थानीय लीडरों और पार्टियों को भी एक संदेश मिलता है कि लोगों की आवाज को समझने और उनकी मांगों को पूरा करने का काम करना होगा।

इस चुनाव में 259 प्रत्याशियों की किस्मत भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में बंद हो गई। यह एक तबाहीकारी तथ्य है जो दिखाता है कि चुनाव में उम्मीदवारों की बड़ी संख्या ने लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सफर किया, लेकिन उनके लिए सफलता नहीं मिली। यह संकेत करता है कि लोगों ने अपने उम्मीदवारों को सावधानी से चुना है और उन्हें जिम्मेदारी और नैतिकता के साथ राजनीतिक दायित्व का सही उपयोग करने का संदेश दिया है।

यह चुनावी प्रक्रिया और ओटर्स की उच्च संख्या साबित करती है कि लोकतंत्र में लोगों की जागरूकता और सशक्तिकरण का महत्व है। यह एक सकारात्मक चरण है जो दिखाता है कि लोगों में लोकतंत्र के मूल्यों और संविधानिक दायित्वों के प्रति विश्वास है। इससे स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र की मजबूती और स्थायित्व के लिए लोगों के सहयोग और सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है।

 

 

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में मतदाताओं ने अत्यधिक उत्साह और सक्रियता का प्रदर्शन किया है। चुनाव दिन को देखते हुए, लोगों का उत्साह और भागीदारी का स्तर अद्भुत था। शाम के 4 बजे तक, 80 प्रतिशत से अधिक मतदान के आंकड़े साक्षात्कार किए गए थे। यह उत्कृष्ट प्रदर्शन बताता है कि लोगों की सामूहिक सक्रियता और सशक्तिकरण की भावना बहुत उत्सुकता से उभरी है।

चुनावी प्रक्रिया में इस तरह की उच्च स्तरीय भागीदारी देखने का मतलब है कि लोगों में लोकतंत्र के महत्व की समझ है और वे अपने नागरिक कर्तव्यों को समय पर निभा रहे हैं। उन्होंने अपने मताधिकार का सही उपयोग करने के लिए अभूतपूर्व उत्साह और संवेदनशीलता दिखाई है।

गुरुवार को अगरतला में चुनावी महौल बेहद उत्साही था। विभिन्न आवाजें और चित्रों ने बताया कि लोगों की बड़ी संख्या वोटिंग बूथ पर पहुंची थी। इसके अलावा, करीब 50 हजार मतदाता कतारों में लगे हुए थे, जो कि वोटिंग की उच्च दर को और भी बढ़ाने का संकेत था।

यह मतलबी बढ़ावा देता है कि लोगों की सामूहिक सक्रियता और सामाजिक उत्साह चुनाव प्रक्रिया में गहराई से उभर रहे हैं। उन्हें देश के निर्णायक प्रक्रियाओं में भागीदारी का महत्व समझ में आ रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र के मूल्यों और संविधानिक दायित्वों के प्रति उनका समर्थन बहुत उच्च है।

अगरतला के इस उत्साही चुनाव महौल में दिखाई गई सक्रियता और भागीदारी की भावना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि त्रिपुरा के नवनिर्मित राजनीतिक परिदृश्य में यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन और संकेत हो सकता है। इस उत्साही भागीदारी के माध्यम से, लोगों की आवाज को सुना गया है और उनकी नागरिकता की भावना को स्थायीता और समर्थन मिला है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि लोगों के बीच लोकतंत्र के लिए विश्वास और समर्थन बढ़ रहा है।

 

 

2018 की तुलना में तकरीबन 2 प्रतिशत मतदान अधिक 

2018 के तुलना में, त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव में मतदान की दर में लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। शाम के चार बजे तक, 81.11 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जो 2018 के चुनाव में चार बजे तक मतदान की दर के रूप में उल्लेख की गई है। इससे साफ है कि लोगों के बीच चुनाव प्रक्रिया में सक्रियता और उत्साह का स्तर अत्यधिक था।

चार बजे तक उन लोगों को मतदान की अनुमति दी जाएगी जिन्होंने पहले ही टोकन ले लिया है, और ऐसे ही सभी मतदाताओं को मतदान की सुविधा उपलब्ध होगी। यह विन्यास भागीदारियों के बारे में और अधिक उत्सुकता दर्शाता है कि लोगों ने अपने नागरिक कर्तव्यों का पूरा किया है और चुनावी प्रक्रिया में सक्रियता दिखाई है।

चुनाव प्रक्रिया में यह उत्साही भागीदारी अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सामने आने वाले नतीजों में लोकतंत्र के मूल्यों और नागरिक कर्तव्यों की महत्वपूर्णता का प्रतिस्पर्धी बढ़ावा मिलता है। लोगों का उत्साह और सक्रिय भागीदारी यह भी दिखाती है कि उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में विश्वास है और वे अपने मताधिकार को समय पर बजाया रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इस चुनाव में एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह रही कि त्रिपुरा में बसाए गए ब्रू शरणार्थियों ने इस चुनाव में पहली बार हिस्सा लिया। राज्य में कुल ब्रू आबादी 37,136 है, जिनमें से 14,005 मतदाता हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि लोगों की सामाजिक समर्थन और सांघीकरण की भावना में वृद्धि हुई है, जो एक संघर्ष की प्रतिक्रिया है और उनकी नागरिकता में सामाजिक समावेशन का संकेत है।

 

 

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