भारतीय जनता पार्टी के स्थापना के 44 वर्ष का इतिहास
भारतीय जनता पार्टी का स्थापना कब और किसने की? :-
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुआ था। इस दिन भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक रूप से स्थापना हुई और यह दल भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण दल बन गया। इस घटना के पीछे कई घटनाएं और प्रेरणास्रोत हैं, जो दल के स्थापना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना मुख्य रूप से भारतीय जनसंघ (जेएस) के विधायकों के विरोध के बाद हुई। जेएस के विधायकों में से कई नेता और कार्यकर्ता जनता पार्टी के संगठन से निकाले गए थे। इस घटना के बाद, जेएस के नेताओं ने एक नया राजनीतिक दल बनाने का निर्णय लिया, जो उनके विचारों और आदर्शों को बेहतर रूप से प्रतिनिधित कर सके।
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में एक अहम भूमिका निभाई गई थी उस समय के उच्च स्तरीय राजनीतिक नेताओं ने, जिनमें लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, और कुमार मंगलम लोक सम्मेलन के माध्यम से एक साथ आक्रामक भारत की राजनीति में आवेश डाला। उन्होंने एक संगठन गठित किया जिसका नाम था “भारतीय जनता पार्टी” और इसके उद्देश्यों को अपनाया जिनमें राष्ट्रीयता, राष्ट्रवाद, और राष्ट्रीय स्वायत्तता को बढ़ावा देना शामिल था।
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के साथ, भारतीय राजनीति में एक नया दल आया जिसने समाज में गहरा प्रभाव डाला। यह दल राजनीतिक समर्थन जुटाने में सक्षम रहा, और उसने विभिन्न राज्यों में चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी ने विभिन्न संगठनों और समूहों को अपनी शिरोमणि में शामिल किया और एक मजबूत और विश्वसनीय राजनीतिक जागरूकता का संवाद किया।
भारतीय जनता पार्टी के स्थापना के बाद, भारतीय राजनीति में एक नया दौर आया जिसने विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष की स्थिति को बदल दिया। यह दल न केवल एक राष्ट्रीय स्तर पर बल प्रदर्शित किया, बल्कि विभिन्न राज्यों में भी अपनी भूमिका निभाई और वहाँ के लोगों की आवाज को सुना। इससे न केवल भारतीय जनता पार्टी का आगामी समय में राजनीतिक लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मार्ग खुला, बल्कि यह भारतीय राजनीति को भी एक नया आयाम दिया।
44 वर्ष का इतिहास:-
1980 का वर्ष भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण साल था, जब 6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा) की स्थापना हुई। यह घटना राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जो भारतीय राजनीति के रूपरेखाओं को पुनर्प्रारंभ करती है।
1977 में जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद, एक नई उम्मीद की किरण सबके दिलों में बनी थी। लेकिन इस उम्मीद के बावजूद, जनता पार्टी की सरकार के पतन के बाद, दल के भागीदारों में आलोचना और विवाद शुरू हो गए। 1979 में, जनसंघ घटक से जुड़े लोगों ने दल से निष्कासित किए जाने के बाद एक अलग दल की स्थापना की। इस घटना ने जनता पार्टी को विभाजित कर दिया, जिससे एक नया दल उत्पन्न हुआ जिसका नाम था “भारतीय जनता पार्टी”।
इस घटना से भारतीय जनता पार्टी की आरंभिक दिनों में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। 1980 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की 32 सीटों पर ही सिमट कर रह गई, जो कि एक विपक्षी दल के लिए बहुत कम था। इस समय, उसे अपने पूर्व संगठन, जनसंघ घटक, से लड़ना और उसके प्रभाव को कम करने की चुनौती थी।
भारतीय जनता पार्टी के उत्थान के समय, दल ने अपने संगठन को पुनः संगठित करने और अपने नीतियों को मजबूत करने के लिए कई उपायों को अपनाया। दल ने अपने आदर्शों को फिर से आगे ले जाने के लिए प्रयास किया और उसने एक सकारात्मक और निष्पक्ष राजनीतिक परिप्रेक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित किया।
भारतीय जनता पार्टी के उत्थान ने उसे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बाजार में मजबूती प्रदान की। दल ने अपने नेताओं के अद्भुत नेतृत्व में सहायकता प्राप्त की और वह लोगों के बीच अपने विचारों को सशक्त रूप से प्रस्तुत करने में सफल रहा।
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से, भारतीय राजनीति का नेतृत्वीय परिदृश्य बदल गया। दल ने स्वतंत्रता संग्राम के महान उत्साह को फिर से जागृत किया और देश की राजनीतिक दलों में नई ऊर्जा को प्रेरित किया। इसके अलावा, यह उन लोगों के लिए एक सांस्कृतिक आधार बन गया जो राष्ट्रीय एकता और समृद्धि की ओर प्रेरित होते हैं।
इस प्रकार, 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना एक महत्वपूर्ण पल था, जो भारतीय राजनीति को एक नया मोड़ दिया और उसे एक और नई दिशा में ले जाने में मदद की। इस घटना ने दल की अद्वितीय पहचान का निर्माण किया और उसे भारतीय राजनीतिक स्कीम में महत्वपूर्ण भूमिका दी।
भारतीय जनता पार्टी का पुराना नाम क्या है? :-
भारतीय जनता पार्टी का पुराना नाम जनसंघ (Jana Sangh) था। जनसंघ 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा गठित किया गया था। यह दल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता था, और उसका मूल उद्देश्य भारतीय समाज में हिंदूत्व की रक्षा और प्रशासन में हिंदू धर्म के अधिकारों को सुनिश्चित करना था।
1975 से 1977 तक के आपातकाल के दौरान, जनसंघ के कई नेताओं ने गिरफ्तार किये गए और जेल भेजे गए। इस अवस्था में, भारतीय जनसंघ का कई अन्य राजनीतिक दलों के साथ विलय हो गया, जिससे 1977 के आम चुनाव में जनता पार्टी (Janata Party) का गठन हुआ। इस संयोजन के तहत, जनता पार्टी ने तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को हराया और सत्ता में आई।
तीन साल तक सत्ता में रहने के बाद, जनता पार्टी 1980 में विघटन हो गई, और उसके सदस्यों ने मिलकर आधुनिक भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का गठन किया। इस नए दल का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रवाद, और राष्ट्रीय स्वायत्तता को सुनिश्चित करना था, साथ ही राष्ट्रीयता के मूल्यों की रक्षा करना था।
भारतीय जनता पार्टी का गठन होते ही, यह दल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा। उसने विभिन्न राज्यों में अपना समर्थन बढ़ाया और एक विश्वसनीय और नेतृत्वीय प्रतिस्थापना प्रस्तुत किया। इसके बाद, भारतीय जनता पार्टी ने देश के राजनीतिक स्तर पर अपनी भूमिका को मजबूत किया और सत्ता में आने के लिए अगले कई वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रकार, भारतीय जनता पार्टी का प्रारंभिक नाम जनसंघ था, जिसने बाद में आधुनिक रूप लिया और देश की राजनीतिक मान्यता में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।