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*राम मनोहर लोहिया: एक अद्वितीय संघर्षक की कहानी*

*प्रस्तावना:*

पिछले शताब्दी के अंत में, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का समय था। इस समय में एक ऐसा नेता उभरा, जिसने अपने अद्वितीय विचारों और अद्भुत कार्यों से देश को एक साथ जोड़ने का काम किया। वह थे डॉ. राम मनोहर लोहिया। उनकी यह कहानी हमें उनके विचारों, क्रांतिकारी सोच, और उनके अद्वितीय योगदान की ओर ले जाएगी।

पिछले शताब्दी के अंत में, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का समय एक महत्वपूर्ण चरण में था। इस समय में एक नेता उभरा, जो अपने अद्वितीय विचारों और क्रांतिकारी सोच के साथ देश की जनता को एक साथ जोड़ने का काम किया। उनका नाम था डॉ. राम मनोहर लोहिया।

लोहिया का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन उनकी अद्वितीय बुद्धि और ऊर्जा ने उन्हें एक महान नेता बना दिया। उन्होंने अपनी शिक्षा को समर्पित किया और विभिन्न विषयों में मास्टर किया, जिससे उनकी सोच और विचारधारा में गहराई आई।

लोहिया ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने साहसिक और उदार विचारों से लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और लोगों को स्वतंत्रता के लिए एकजुट होने का संदेश दिया। उनका योगदान स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय रहा, और उनकी विचारधारा ने लाखों लोगों को समर्थन और प्रेरणा दी।

डॉ. राम मनोहर लोहिया की सोच का अद्वितीयता उनके सामाजिक और राजनीतिक विचारों में था। उन्होंने समाजवाद के मूल्यों की महत्ता को स्वीकार किया और गरीबों की समस्याओं के समाधान के लिए काम किया। उनके विचारों में समाज के हर वर्ग के लिए समानता और न्याय की मांग थी।

लोहिया के अद्भुत कार्यों और सोच के प्रभाव को आज भी महसूस किया जा रहा है। उनकी योगदान से हम एक ऐसे समाज की दिशा में बदलाव देख सकते हैं, जो समाजवाद, समानता, और न्याय के मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए समर्थ है। उनकी यादें हमें सदैव प्रेरित करती रहेंगी, और उनके अद्वितीय विचारों को साकार करने के लिए हमें प्रेरित करती रहेंगी।

 

*जीवन की शुरुआत:*

राम मनोहर लोहिया 23 मार्च, 1910 को उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव आकबरपुर में जन्मे। उनके पिता का नाम हाजी हीरालाल था, जो एक चिकित्सा पेशेवर थे। लोहिया का जीवन निरंतर प्रेरणादायक घटनाओं से भरा रहा है। बचपन से ही वह विद्या के प्रति अत्यधिक आकर्षित थे।

राम मनोहर लोहिया का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन उनका जीवन उन्हें एक अद्वितीय सोच और कर्म के साथ नेतृत्व की ऊंचाइयों तक ले जाने का अवसर प्रदान किया। उनके पिता, हाजी हीरालाल, एक चिकित्सा पेशेवर थे, जो न केवल अपने व्यावसाय में सफल रहे बल्कि अपने बच्चों को भी उच्च शैक्षिक मानकों की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित किया।

लोहिया के बचपन की यादें उनके अद्भुत ज्ञान के लिए उनकी प्रेरणा स्त्रोत बनीं। उन्होंने विद्या के प्रति अत्यधिक आकर्षण महसूस किया और छोटी उम्र से ही अनेक गहन ज्ञान को अपनाया। वे अपने बाल्यकाल में ही उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में अध्ययन करने के लिए रजिस्टर करवाए गए, जिससे उनकी शैक्षिक बुनियाद मजबूत हो गई।

उनके जीवन का एक अहम पहलू उनकी माता की संघर्षपूर्ण जीवनशैली थी, जिन्होंने उन्हें सच्चे मूल्यों और समर्पण का पाठ सिखाया। इन संघर्षों भरे पलों ने लोहिया को एक मजबूत आत्मविश्वास और सहनशीलता की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया, जो उन्हें उनके जीवन के हर कठिनाई का सामना करने में सक्षम बनाया।

इस रूप में, राम मनोहर लोहिया का जीवन एक उदाहरण है कि अच्छी शिक्षा, संघर्षशीलता, और परिवार के साथी का साथ एक व्यक्ति को अत्यधिक महत्वपूर्ण गुणों की ओर अग्रसर कर सकते हैं। उनकी प्रेरणादायक कहानी हमें यह बताती है कि संघर्ष, समर्पण, और सम्मान वाले गुणों से सफलता की ऊंचाइयों को छूना संभव है।

 

*शिक्षा का प्रारंभ:*

लोहिया का शिक्षा से प्रेम बचपन से ही था। वे बचपन में ही उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने के लिए रजिस्टर किए गए। उनकी दृष्टि विशाल थी और वे हमेशा नए और उत्कृष्ट विचारों की खोज करते रहे।

राम मनोहर लोहिया का शिक्षा के प्रति अद्वितीय प्रेम उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक पहलू था। बचपन से ही उन्होंने विद्या के महत्व को समझा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में अपनी पढ़ाई की शुरुआत की। उनके पिता का भी शिक्षा के प्रति उत्साह था, जिसने उन्हें विद्यालयी शिक्षा की महत्ता को समझाने में सहायक बनाया।

लोहिया की दृष्टि विशाल थी और वे हमेशा नए और उत्कृष्ट विचारों की खोज करते रहे। उन्होंने अपने शिक्षा के समय में विभिन्न विषयों में मास्टरी हासिल की, जो उन्हें एक समृद्ध और समर्थ विचारशील बनाने में मदद की। उनकी निरंतर जिज्ञासा और अध्ययन की भावना ने उन्हें विशेष बना दिया, और वे हमेशा सीखने और विकास के लिए प्रोत्साहित रहे।

उनका शिक्षा से प्रेम उन्हें अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने शिक्षा के अनुभव को अपने नेतृत्व के क्षेत्र में भी उतारा, जहां वे समाज को नए सोच और दृष्टिकोण प्रदान करने का काम करने में सफल रहे।

राम मनोहर लोहिया का शिक्षा के प्रति यह प्रेम उनके जीवन में एक बड़ा कारक रहा, जिसने उन्हें अपने विचारों और कार्यों के लिए सजग और प्रेरित बनाया। उनका जीवन एक प्रेरणास्त्रोत बना, जो हर किसी को शिक्षा के महत्व को समझने और स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता है।

 

*राष्ट्रीय संघर्ष का समर्थक:*

लोहिया ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का समर्थन किया। उन्होंने अपनी शिक्षा का उपयोग कर राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों को जागरूक किया।

राम मनोहर लोहिया भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समर्थक और सहयोगी रहे, जो अपनी अद्वितीय विचारधारा और क्रांतिकारी दृष्टिकोण के साथ राष्ट्र को आजादी की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण चरण में अपनी शिक्षा का उपयोग करके राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया और लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ उत्तेजित किया।

उनका स्वतंत्रता संग्राम में योगदान अद्वितीय और प्रेरणादायक रहा। लोहिया ने विभिन्न आंदोलनों में अपनी भागीदारी दर्ज की, जैसे कि असहमति आंदोलन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ उनका समर्थन, और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही।

लोहिया ने अपने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन, और सामाजिक न्याय के मूल्यों की प्रोत्साहना की। उन्होंने जनता को आंदोलन में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया, उन्हें साहसिकता और समर्थन प्रदान किया, और उन्हें स्वतंत्रता की महत्वाकांक्षा में साथ लिया।

लोहिया के विचार और उनके आंदोलन में उनकी सहानुभूति, न्यायप्रियता, और विश्वास के मूल्यों का प्रतिबिंबित होता है। उनका समर्थन और संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण साहसिक कदम रहा, जिसने देश को आजादी की ओर अग्रसर किया। उनकी योगदान को स्मरण करते हुए हम उन्हें हमेशा श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, और उनके विचारों को आज भी समाज में प्रेरित करते हैं।

 

*शिक्षागुरु:*

लोहिया का एक प्रमुख शिक्षागुरु था अच्यूतनंद नारायण द्विवेदी, जिन्होंने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। उनका गुरु उन्हें धर्मनिरपेक्षता, समाजिक न्याय, और स्वतंत्रता के मूल्यों की महत्ता की शिक्षा देते रहे।

अच्यूतनंद नारायण द्विवेदी लोहिया के जीवन में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली शिक्षागुरु थे। उनका संबंध नेता और विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया के साथ गहरा था, और उन्होंने उन्हें उच्च शिक्षा के माध्यम से समाज के प्रति अपने कर्तव्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया।

अच्यूतनंद नारायण द्विवेदी ने लोहिया को धर्मनिरपेक्षता, समाजिक न्याय, और स्वतंत्रता के मूल्यों की महत्ता की शिक्षा दी। उनके शिक्षा-देने के तरीके में सहजता और गहराई थी, जो लोहिया को उनके जीवन में महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने में मदद की।

द्विवेदी ने लोहिया को न केवल विद्यालयी शिक्षा में प्रेरित किया, बल्कि उन्होंने उन्हें समाज के उच्चतम आदर्शों की प्राप्ति के लिए भी प्रोत्साहित किया। उनके गुरु के साथ बिताए गए समय ने लोहिया के विचारधारा को प्रभावित किया और उन्हें एक समाजवादी दृष्टिकोण विकसित करने में मदद की।

अच्यूतनंद नारायण द्विवेदी के द्वारा प्रदान की गई शिक्षा और मार्गदर्शन ने लोहिया को एक उद्दीपक राष्ट्रवादी, समाजवादी, और धर्मनिरपेक्ष विचारक बनाया। उनके गुरु के साथ गुजारे गए समय ने लोहिया को विश्वास और संकल्प में मजबूत बनाया, जो उन्हें अपने समर्थन के साथ राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया।

इस रूप में, अच्यूतनंद नारायण द्विवेदी लोहिया के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए और उन्हें उनके विचारों और आदर्शों की समझ के लिए प्रेरित किया। उनका संबंध लोहिया के जीवन में एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण चरण था, जो उन्हें उनके जीवन के महत्वपूर्ण मार्गदर्शक बनाया।

 

*सामाजिक कार्य:*

लोहिया का उत्कृष्ट योगदान सामाजिक क्षेत्र में भी था। उन्होंने अपनी अनगिनत शिक्षाप्राप्त की ज्ञान को समाज के लिए समर्पित किया और उनकी कई योजनाओं ने गरीबों और निराधारों की मदद की।

राम मनोहर लोहिया का सामाजिक क्षेत्र में उनका योगदान उत्कृष्ट और प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपने विशेष ज्ञान और समझ का उपयोग करके समाज के विभिन्न वर्गों की मदद करने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की।

लोहिया का सामाजिक कार्य उनकी अद्वितीय विचारधारा और समाजसेवा के प्रति आत्मसमर्पण के प्रतीक रहा। उन्होंने गरीबों, निराधारों, और वंचित वर्गों के हित में कई सामाजिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। उनके कार्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया।

उन्होंने गरीबों के लिए शिक्षा की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए कई शैक्षिक योजनाओं की शुरुआत की। उनका लक्ष्य था कि हर व्यक्ति को उच्च शिक्षा का अधिकार हो, विशेष रूप से वे जो समाज के निचले वर्गों से हैं। उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली को समर्थन दिया और सामाजिक न्याय के माध्यम से शिक्षा के फायदे को सभी तक पहुँचाने के लिए काम किया।

वे स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी कई योजनाएं चलाएं, जिनमें गरीब और निराधार वर्गों को मुफ्त चिकित्सा सेवाओं की पहुँच प्राप्त करने का उपाय शामिल था। उन्होंने गाँवों और छोटे शहरों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया और लोगों को विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया।

लोहिया का सामाजिक कार्य उनके अद्वितीय और सशक्त दृष्टिकोण का प्रतिफल था, जिसने समाज के निचले वर्गों की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कई योजनाएं और कार्यक्रमों ने गरीबों और निराधारों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया और समाज में समानता और न्याय के माध्यम से समृद्धि को बढ़ावा दिया।

 

*राजनीतिक क्रांतिकारी:*

लोहिया ने राजनीतिक जगत में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने राजनीतिक दलों के खिलाफ आवाज उठाई और लोगों को सच्चाई की ओर आगाह किया। उनकी यह क्षमता और साहस उन्हें एक अद्वितीय नेता बनाती हैं।

राम मनोहर लोहिया ने राजनीतिक जगत में अपनी अमूल्य योगदान दिया और एक अद्वितीय राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनका समर्थन और साहस ने उन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों के खिलाफ आवाज उठाने और लोगों को सच्चाई की ओर आगाह करने के लिए प्रेरित किया।

लोहिया ने राजनीतिक जीवन में अपनी अद्वितीय प्रतिभा को प्रकट किया और उनके विचारों को सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, और समानता के मूल्यों के लिए समर्पित किया। उन्होंने राजनीतिक दलों की विभिन्नता को समझा और उनके खिलाफ उठे, जब वे महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता और साहस के साथ आवाज उठाने के लिए प्रेरित हुए।

लोहिया का योगदान राजनीतिक जीवन में विशेष महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने न केवल विश्वास और समर्थन दिया, बल्कि वे अपने विचारों को अपने श्रोताओं तक पहुँचाने के लिए समर्थ और संवेदनशील भी थे। उनकी यह क्षमता और साहस उन्हें एक अद्वितीय नेता बनाती हैं, जो अपने दृष्टिकोण, सोच, और कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से समर्थ और प्रतिबद्ध थे।

उनकी राजनीतिक वाणी और क्रांतिकारी दृष्टिकोण ने लोगों को साहसिकता की ओर प्रोत्साहित किया और उन्हें समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचार करने और कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया। उनका राजनीतिक कार्य और योगदान समाज को एक नए दिशा और उत्तेजना प्रदान करने में महत्वपूर्ण रहा है, जो आज भी उनके विचारों का महत्व माना जाता है।

 

*विचारशीलता:*

राम मनोहर लोहिया के विचार विशेष रूप से समाजवाद और अपने देश की स्वतंत्रता के प्रति उनकी संकल्पना को दर्शाते हैं। उन्होंने लोकतंत्र के महत्व को सार्वजनिक रूप से बचाया और न्याय के मूल्यों की रक्षा की।

राम मनोहर लोहिया एक विचारशील और प्रेरणादायक नेता थे, जिनके विचार समाज में गहरा प्रभाव डाला। उनके विचारों में समाजवाद का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान था, जो उन्होंने समाज में न्याय और समानता की प्राथमिकता के रूप में उठाया। उनकी संवेदनशीलता और सामाजिक न्याय के प्रति उनका समर्थन ने उन्हें एक अद्वितीय विचारक बना दिया।

लोहिया ने लोकतंत्र के महत्व को सार्वजनिक रूप से बचाया और न्याय के मूल्यों की रक्षा की। उन्होंने लोकतंत्र को जनता की सार्वजनिक सहमति और स्वतंत्रता का प्रतीक माना। उनकी सोच ने लोगों को स्वतंत्रता के महत्व को समझाया और उन्हें सकारात्मक रूप से समाज में सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

उनके विचारों में राष्ट्रवाद का भी अद्वितीय स्थान था, जिसमें वे अपने देश की स्वतंत्रता और उनके लोगों के हित की प्रतिबद्धता को दर्शाते थे। उनकी विचारधारा ने देशवासियों में राष्ट्रीय और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया, जिससे समाज में एकता और सामंजस्य की भावना पैदा हुई।

उनकी विचारधारा में सामाजिक न्याय, समानता, और स्वतंत्रता के मूल्यों का उच्चारण था, जो समाज को समृद्धि और प्रगति की दिशा में अग्रसर करता था। उन्होंने अपने विचारों को अपने औरों के साथ साझा किया और उन्हें स्वतंत्रता के माध्यम से अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित किया।

लोहिया की विचारधारा ने समाज को एक उत्थानशील और सामर्थ्यवान समाज के रूप में देखने के लिए प्रेरित किया, जिससे समृद्धि, समानता, और न्याय की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था में सुधार हो सके।

 

*निधन:*

राम मनोहर लोहिया का निधन 12 अक्टूबर, 1967 को हुआ, लेकिन उनकी विचारधारा और उनका कार्य आज भी हमारे देश में जीवित है। उनकी साहसिकता, विचारशीलता, और समर्पण की याद हमें हमेशा प्रेरित करती है।

राम मनोहर लोहिया का निधन 12 अक्टूबर, 1967 को हुआ, लेकिन उनके विचार और कार्य आज भी हमारे देश में अमर हैं। उनकी प्रेरणादायक व्यक्तित्व और उनके साहसपूर्ण कदम आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

लोहिया का निधन उनके सोच के एक अद्वितीय युग के अंत का प्रतीक था, लेकिन उनके विचार और विचारधारा आज भी हमें मार्गदर्शन करते हैं। उनका सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक दृष्टिकोण देश के विकास और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण था।

लोहिया के निधन के बाद भी, उनकी सोच और विचारधारा आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। उनका समर्थन और प्रेरणा आज भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से उनके समाजवादी और समाजसेवा के दृष्टिकोण को लेकर।

लोहिया की साहसिकता, विचारशीलता, और समर्पण की याद हमें हमेशा प्रेरित करती है। उनकी जीवन-संघर्ष, उनकी अद्वितीय विचारधारा, और उनका विशेष योगदान आज भी हमें सशक्त बनाता है और हमें समाज में न्याय और समृद्धि के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करता है।

लोहिया के निधन के बावजूद, उनकी याद और उनके कार्य आज भी जीवंत हैं और हमें उनकी महानता की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके नेतृत्व में, उनके विचारों में, और उनके कार्यों में निहित साहस, समर्पण, और निष्ठा हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।

 

*समापन:*

इस प्रेरणादायक योद्धा की कहानी हमें दिखाती है कि एक व्यक्ति किस प्रकार अपने विचारों और कार्यों से समाज को सुधारने में सक्षम हो सकता है। राम मनोहर लोहिया ने अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया और हमें एक बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी यादें हमें सदैव उनके विचारों और मूल्यों को याद दिलाती रहेंगी।

राम मनोहर लोहिया की कहानी हमें एक सत्यवादी, समर्थ और प्रेरणादायक नेता के रूप में उनकी महानता को दर्शाती है। उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया और विचारों, संघर्षों, और साहस के माध्यम से व्यक्तिगत समृद्धि के स्थान पर राष्ट्रीय समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयास किया।

लोहिया जी के जीवन का उद्दीपक है कि एक व्यक्ति अपने विचारों और कार्यों से समाज को सुधारने में सक्षम हो सकता है। उनकी सोच और कृतित्व की प्रेरणा से, हमें ध्यान में रखना चाहिए कि हम भी अपने समाज के लिए कुछ कर सकते हैं। उनकी योद्धा भावना, साहस, और समर्पण की भावना हमें उनके दूर-दूर तक पहुंचे विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

लोहिया जी ने अपने जीवन में संघर्ष, समर्पण, और साहस के साथ देश की सेवा किया। उनकी साहसिकता और समर्पण की भावना ने उन्हें एक महान नेता बनाया। उनकी यादें हमें सदैव उनके विचारों और मूल्यों को याद दिलाती रहेंगी, और हमें सच्चाई की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।

उनका विचारशीलता, धैर्य, और संघर्ष का जीवन एक प्रेरणादायक मिसाल है, जो हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति के पास अपने समाज के लिए बदलाव लाने का शक्ति है। उनका योगदान हमें संघर्ष को सामना करने की प्रेरणा देता है और हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। उनकी महानता को याद करते हुए, हमें उनके दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए, ताकि हम भी अपने समाज में न्याय और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक हो सकें।

 

 

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