इच्छाओं का, बोझ रखो कम । तभी जीवन में , आयेगी उमंग ।
सुंदरता के तीन लक्षण – 1-शुद्ध द्रष्टि 2- शुद्ध वाणी 3- शुद्ध चरित्र
इन्द्रधनुष विश्वास का , टूटा जैसे हो कांच का ।
इंसान होने की तीन शर्तें – 1- विनम्रता 2- सच्चाई और 3- एक ही चेहरा
बेटी की शादी का समय कॉलेज खत्म होने के बाद मेरे पिता मेरे लिए रिश्ता तो ढूंढ रहे थे लेकिन मैं अभी आगे और पढ़ना चाहती थी मैं घर पर इस बार में…
दिखावा दिखावा स्नेहा के पति का नये शहर में तबादला हुआ था।अपने आस-पड़ोस से वह बिल्कुल अनजान थी।उसके पति के ऑफ़िस के ही एक सहकर्मी आनंद कुमार का परिवार…
गृहणी घर पर ही तो रहती है। गृहणीसुबह पांच बजे अलार्म बजा, शिखा आज बेमन से उठी| अंग-अंग दर्द कर रहा था, दो मिनट और लेट जाती हूं| उसमें ही दस मिनट निकल…
पत्नी मेरा अभिमान “मेरी पत्नी मेरा अभिमान” जीवनभर मेरा साथ निभाकर सच्चे प्यार का दिया प्रमाण मेरी भार्या , मेरी प्रिये मेरे लिए तुम हो महान || मुश्किल पलों में संगिनी तुमने घर…
बेटी की विदाई का भाउक पल बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है, क्यों, चलिए आज आप विस्तारित रूप से समझिए।बेटी की विदाई का भाउक पल बाकी सब…
इंसानियत और मानवता एक फटी धोती और फटी कमीज पहने एक व्यक्ति अपनी 15-16 साल की बेटी के साथ एक बड़े होटल में पहुंचा। उन दोंनो को कुर्सी पर बैठा देख एक वेटर…
Divine Gift Mother देवो स्वरुपा – मां ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसि” “मां और मातृभूमि स्वर्ग से भी ऊपर है। रावण वध के उपरांत जब श्री राम ने विभिषण को लंका का राजा घोषित…
रात का सामना करना है , सब मन से बाहर धरना है ।
कौन कहता है वक्त बहुत तेज है कभी किसी का इंतजार करके तो देखो!! …………………………………………. सच्चाई तो यह है कि, एक दिन सब कुछ जीत कर भी मौत से हर जाना है…!! ……………………………………….…
एक दौर , ऐसा भी था । इंसान जैसा , दिखता था । सचमुच वैसा , ही था ।
जो जी करे , वो कर । पर कम से कम , ईश्वर से तो डर ।
धीर धरो मन मेरे , होंगे , दूर अंधेरे । लौटेंगे , पुनः सवेरे । निराश ना , हो मन मेरे ।
सुबह ,कहती है हमसे । उठो , लड़ो इस जीवन से ।
हम सब मिलकर एक हो सकते है बस एक होने के लिए हम सबको मिलकर रहकर आगे बढ़ना होगा |
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