इच्छा का बोझ
इच्छाओं का, बोझ रखो कम । तभी जीवन में , आयेगी उमंग ।
एक कोशिश तो बनती है , छूना चाहो, यदि आकाश । एक कोशिश, तो बनती है । बनना चाहो, यदि तुम ख़ास । एक कोशिश, तो बनती है । करना चाहो, दिलों पर राज । एक कोशिश, तो बनती है । करना चाहो ,पूरी हर आस । एक कोशिश, तो बनती है । पाना चाहो ,खुशी हज़ार । एक कोशिश, तो बनती है । ज़िन्दगी चाहो, कामयाब । एक कोशिश, तो बनती है । पाना चाहो , प्रेम अपार । एक कोशिश, तो बनती है ।
ख़ुद को मत बेकार समझना ख़ुद को मत ,बेकार समझना । तुम हो ,रचनाकार की रचना ।कष्टों में ,ना हार समझना ।आशाएं, उम्मीदें रखना ।पीड़ाओं का, सार समझना ।जीवन को ना, भार समझना ।आज नहीं तो, कल जीतोगे ।खुद को तुम, हर बार परखना ।टूटा है जो, जुड़ जायेगा ।खुद को तुम, शिल्पकार समझना ।जितना भी ,तुमने है पाया ।ईश्वर का , उपकार समझना ।मिट जायेंगे, सभी अंधेरे ।रौशन अपना, संसार समझना।खुद को मत, बेकार समझना । Read more: आज रविवार 26 मई 2024 के मुख्य समाचार
वापस नहीं ,ला सकते । गुज़रा हुआ , वक्त । वापस नहीं ला सकते , टूटा हुआ विश्वास । वापस नहीं ला सकते , वो चिन्तामुक्त बचपन । वापस नहीं ला सकते , वो दोस्तों का साथ । वापस नहीं ला सकते , बीती हुई उम्र । वापस नहीं ला सकते , खोया हुआ प्रेम । वापस नहीं ला सकते , खोये हुए ,अपनों का साथ । वापस नहीं ला सकते, वो ठहाकों भरी रात । वापस नहीं ला सकते , अगर छूट गया हाथ । हां ये कुछ भी , वापस नहीं ला सकते ।
दस्तूर दुनिया का, निभाना पड़ता है ।अनचाहे ही सही , सब सह जाना पड़ता है ।सच को ही हमेशा ,हमें छुपाना पड़ता है ।वक्त तो चलता जाता ,हमें रूक जाना पड़ता है ।बिना प्रेम के भी कभी ,रिश्ता निभाना पड़ता है ।आते हैं दुनिया में तो ,जीकर जाना पड़ता है ।जज्बातों को बस दिल में ,हमें छुपाना पड़ता है ।रिश्तों में आयीं दरारों को ,भरवाना पड़ता है ।दस्तूर दुनिया का ,निभाना पड़ता है । – प्रगति दत्त
मैं उसकी, कहानी में नहीं । जिसमें, सच नहीं ।जिसमें, प्यार नहीं ।जिसमें ,अपनापन नहीं ।जिसमें, लगाव नहीं ।जिसमें है ,बेवफाई ।जिसमें ,वफा नहीं ।जिसमें हैं ,सभी नकली ।असली ,कोई नहीं ।जिसमें ,ना ही सुकून है।और चैन , भी नहीं ।एक दूसरे की परवाह ,करता कोई नहीं ।मतलब के, जहाँ रिश्ते ।दिल का ,कोई नहीं ।हाँ मैं ,उसकी कहानी में नहीं ।
ध्यान से, कहीं जीवन ,बिखर ना जाए । कहीं सब , बिगड़ ना जाए । भरोसा , टूट ना जाए । साथ कहीं, छूट ना जाए । ह्रदय कहीं ,टूट ना जाए । प्रेम कहीं , खो ना जाए । हंसी कहीं , खो ना जाए । चैन कहीं , चला ना जाए । वक्त कहीं , गुज़र ना जाए । लौटकर , फ़िर ना आए । ज़िन्दगी , बीत ना जाए । ये है, बड़ी छोटी भाई । कर्म कर, ध्यान से भाई ।
ज़िन्दगी का पहाड़, जीवन यात्रा, आशा की किरण, सुबह का संदेश ज़िन्दगी का पहाड़, चढ़ना ही होगा ।मुश्किलों से भी फ़िर ,गुज़रना ही होगा । जीवन यात्रा यात्रा ही तो , है जीवन । एक दिन तो , वाहन से उतरना तय है । आशा की किरण अंधेरे से मिलना , पर रौशनी में , फ़िर खिलना । सुबह का संदेश सुबह ,कहती है हमसे । उठो , लड़ो इस जीवन से । Read Also: सवेरा, भाग्य, धैर्य, अकड़, अक्सर लगता है