Hanuman jayanti हनुमान जयंती
एक हिंदू त्योहार है जो भगवान हनुमान के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो शक्ति, भक्ति और वफादारी के प्रतीक के रूप में पूजनीय हैं। यह आमतौर पर हिंदू कैलेंडर में चैत्र महीने के दौरान शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) के 15वें दिन पड़ता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में मार्च या अप्रैल से मेल खाता है। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, भगवान हनुमान को समर्पित मंदिरों में जाते हैं, प्रार्थना और भजन पढ़ते हैं और जुलूसों और समारोहों में भाग लेते हैं। यह हिंदू धर्म के अनुयायियों, विशेषकर हनुमान का सम्मान करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
यह दिन भक्तों के लिए आत्म-सम्मान, साहस, और विश्वास को प्रकट करने का अवसर है। हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ भेजते हैं और भगवान हनुमान से अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा, समृद्धि, और सुख-शांति की प्रार्थना करते हैं। hanuman jayanti
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हनुमान गायत्री मंत्र यह है||
- ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
- अर्थ – हम देवी अंजनी के पुत्र और पवन के पुत्र से प्रार्थना करते हैं। भगवान हनुमान हमें ज्ञान और बुद्धि की ओर ले जाइए।
हनुमान जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
- ‘ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।’
- – ये हनुमान जी का रुद्र मंत्र है. शत्रु , भय, अनिद्रा, जनहानि के डर से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का प्रयोग करना उत्तम फलदायी माना गया है. ‘ॐ हं हनुमते नम:।’ – बजरंगबली का ये चमत्कारी मंत्र वाणी से संबंधित कार्य में सफलता पाने के लिए किया जाता है.
मंगलवार के दिन कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
- हनुमान जी के नाम का स्मरण करने से सभी प्रकार के रोग, दोष, भय आदि दूर हो जाते हैं. मंगलवार को हनुमान जी की आराधना के बाद मंत्र ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा का जाप करें. इस मंत्र के जाप से आप रोग मुक्त होंगे. संकट दूर होंगे और शत्रु का भय दूर होगा.
मंत्रों का राजा कौन सा मंत्र है?
- मुनि रत्न कुमार ने कहा- नमस्कार महामंत्र सभी मंत्रों का राजा है। इस महामंत्र में किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है। प्रतिदिन कम से कम इक्कीस बार जप करने की आपने प्रेरणा दी। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने कहा – संस्कार एक छोटा सा शब्द है।
हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करने के कई लाभ माने जाते हैं।
- ये लाभ निम्नलिखित हो सकते हैं:
- 1. **बल और सामर्थ्य:** हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करने से शारीरिक और मानसिक बल में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति अधिक सक्रिय और सामर्थ्यवान बनता है।
- 2. **रक्षा:** इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी की कृपा मिलती है और व्यक्ति को बुराई से रक्षा की जाती है।
- 3. **भक्ति और ध्यान:** हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करने से भक्ति और ध्यान में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति का मानसिक शांति और स्थिरता में सुधार होता है।
- 4. **सफलता:** हनुमान गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- 5. **शांति:** इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को शांति और संतुलन की प्राप्ति होती है, जो उसके जीवन को समृद्ध और संतुष्ट बनाती है।
- ये लाभ हनुमान गायत्री मंत्र के नियमित जाप से प्राप्त हो सकते हैं, जो व्यक्ति के श्रद्धा और निष्ठा के साथ किया जाता है।
हनुमान गायत्री मंत्र के कोई विशेष नकारात्मक प्रभाव नहीं हैं। यह मंत्र प्रेम और समर्पण के भाव से जपने पर हमें शक्ति, शांति और सफलता की प्राप्ति में सहायता करता है। यदि कोई व्यक्ति इसे सही ढंग से जपता है और नियमित रूप से अपने आदर्शों के साथ जीता है, तो इसमें कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है।
हनुमान जी की पूजा में क्या क्या सामग्री लगती है?
हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति, वस्त्र, चरण पादुका, जनेऊ, अक्षत्, फल, माला, गाय का घी, दीपक, चमेली का तेल, धूप, अगरबत्ती, इलायची, हनुमान चालीसा, लाल फूल, सिंदूर, पान का बीड़ा, ध्वज, शंख, घंटी, लाल लंगोट, लौंग, मोतीचूर के लड्डू आदि।
हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए?
हनुमानजी को घी का दीपक जलाएं। हनुमानजी को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं, सिंदूर अर्पित करें, गंध, चंदन आदि लगाएं और फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। यदि मूर्ति का अभिषेक करना चाहते हैं तो कच्चा दूध, दही, घी और शहद यानी पंचामृत से उनका अभिषेक करें, फिर पूजा करें।
हनुमान जयंती hanuman jayanti पूजा विधि का अनुसरण करने के लिए निम्नलिखित तरीके का पालन किया जा सकता है:
- तैयारी:
- पूजा क्षेत्र को साफ़ करें और सजावट करें, फूलों और रंगोली से सजाएं।
- साफ़ प्लेटफ़ॉर्म या बर्तन पर हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति रखें।
- फूल, अगरबत्ती, दीपक, फल, मिठाई और प्रसाद जैसे आवश्यक पूजा सामग्री को एकत्र करें।
- आवाहन (प्राण प्रतिष्ठा):
- पूजा को शुरू करें, हनुमान जी को आवाहन करें। इसके लिए “ॐ श्री हनुमते नमः” या “ॐ हं हनुमते नमः” जैसे मंत्रों का उच्चारण करें।
- शुद्धिकरण (संकल्प):
- पूजा का उद्देश्य घोषित करें और संकल्प करें।
- अर्पण (पूजा):
- फूल, धूप, और घी के दीपक को हनुमान जी को अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, या अन्य हनुमान भजन और स्तोत्रों का पाठ करें।
फल, मिठाई, और अन्य प्रसाद को देवता को अर्पित करें।
हनुमान जी के मंदिर में क्या चढ़ाना चाहिए?
पान का बीड़ा अपना काम हनुमानजी को सौपने के लिए एवं दुश्मन से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी को मीठा पान का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। …- नारियल मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमानजी पर नारियल चढ़ाएं। …
- गुड़-चने का प्रसाद यदि कोई साधक भुने हुए चने और गुड़ का प्रसाद हनुमानजी पर प्रतिदिन चढ़ाता है। …
- इमरतीया जलेबी
पूजा मुहूर्त –
- ब्रह्म मुहूर्त 23 अप्रैल 2024- सुबह 4 बजकर 21 मिनट से 5 बजकर 5 मिनट तक
- हनुमान जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 9 बजकर 2 मिनट से 10 बजकर 40 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त- 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
हनुमान जयंती hanuman jayanti के दिन अगर आप संकटमोचन की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं, तो आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। विद्यार्थियों के लिए भी यह दिन बेहद खास होता है, उनको भी हनुमान जी की पूजा से शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। जीवन में सफलता अर्जित करना चाहते हैं या फिर घर-परिवार में सुख-समृद्धि चाहते हैं तो हनुमान जी की कृपा से आपको यह सबकुछ प्राप्त हो सकता है। हनुमान जी की पूजा करने से मंगल और शनि का बुरा प्रभाव भी दूर होता है।
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