वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) क्या है
वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपाय है जो चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाता है। यह तकनीकी उपाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ उपयोग किया जाता है और वोटर को उनके द्वारा किए गए वोट की पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है।
VVPAT एक छोटी सी प्रिंटर होती है जो EVM के साथ जुड़ी होती है। जब वोटर वोटिंग मशीन में अपना वोट देता है, तो VVPAT उसके वोट की पुष्टि करने के लिए एक पेपर ट्रेल प्रिंट करती है। इस प्रिंट में उस वोटर के द्वारा दिया गया वोट का विवरण और प्रत्येक पार्टी और उम्मीदवार के नाम का समावेश होता है। यह प्रिंट वोटर के सामने कुछ सेकंडों के लिए दिखाया जाता है, ताकि वोटर अपने द्वारा दिया गया वोट की पुष्टि कर सके।
VVPAT का उपयोग चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है। यह वोटर को उनके द्वारा दिए गए वोट की पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है और उन्हें विश्वास दिलाता है कि उनका वोट सही ढंग से गिना गया है। इसके द्वारा, वोटर को विश्वास के साथ पता चलता है कि उनका वोट सही ढंग से गिना गया है और कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
VVPAT के प्रयोग से, चुनाव प्रक्रिया में निष्कर्षितता का स्तर भी बढ़ता है। यह वोटर को एक समीक्षा प्रत्यक्ष और उनके वोट की पुष्टि करने का अवसर देता है, जिससे उनका भरोसा बढ़ता है कि उनका वोट सही ढंग से गिना गया है।
वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल ने चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा को भी मजबूत किया है। यह वोट की गिनती में सहायक होता है और इससे चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का पता चलता है। अगर किसी भी वोटर का दिया गया वोट VVPAT पर प्रिंट नहीं होता है, या यदि VVPAT पर प्रिंट हुआ वोट और EVM पर दिया गया वोट मेल नहीं खाते, तो वह तत्काल संदिग्ध होता है और चुनाव अधिकारी को उसकी संदिग्धता को समीक्षित करने का अधिकार होता है।
इस प्रकार, VVPAT चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाता है और वोटर को उनके द्वारा दिए गए वोट की पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है। इसके माध्यम से, लोकतंत्र में विश्वास और समाजिक सहमति को बढ़ावा मिलता है।
वीवीपैट (VVPAT) एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपाय है जो चुनाव प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और सुरक्षित बनाता है। यह तकनीकी उपाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ उपयोग किया जाता है और वोटर को उनके द्वारा किए गए वोट की पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है।
वीवीपैट एक छोटी सी प्रिंटर होती है जो EVM के साथ जुड़ी होती है। जब वोटर वोटिंग मशीन में अपना वोट देता है, तो VVPAT उसके वोट की पुष्टि करने के लिए एक पेपर ट्रेल प्रिंट करती है। इस प्रिंट में उस वोटर के द्वारा दिया गया वोट का विवरण और प्रत्येक पार्टी और उम्मीदवार के नाम का समावेश होता है। यह प्रिंट वोटर के सामने कुछ सेकंडों के लिए दिखाया जाता है, ताकि वोटर अपने द्वारा दिया गया वोट की पुष्टि कर सके। इसके बाद, यह पेपर ट्रेल संग्रहीत हो जाता है, जो चुनाव प्रक्रिया में सत्यापन के लिए उपयोगी होता है।
वीवीपैट के प्रयोग से, चुनाव प्रक्रिया में निष्कर्षितता का स्तर भी बढ़ता है। यह वोटर को एक समीक्षा प्रत्यक्ष और उनके वोट की पुष्टि करने का अवसर देता है, जिससे उनका भरोसा बढ़ता है कि उनका वोट सही ढंग से गिना गया है। इसके अलावा, वीवीपैट के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का पता लगाने में भी सहायता मिलती है। अगर किसी भी वोटर का दिया गया वोट VVPAT पर प्रिंट नहीं होता है, या यदि VVPAT पर प्रिंट हुआ वोट और EVM पर दिया गया वोट मेल नहीं खाते, तो वह तत्काल संदिग्ध होता है और चुनाव अधिकारी को उसकी संदिग्धता को समीक्षित करने का अधिकार होता है। इस प्रकार, वीवीपैट चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाता है, जिससे लोकतंत्र में विश्वास और समाजिक सहमति को बढ़ावा मिलता है।
वीवीपैट की शुरुआत 2013 में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा की गई थी, और इसने चुनाव प्रक्रिया को और भी सुरक्षित और पारदर्शी बनाया है। इसका प्रयोग नागालैंड के चुनाव में किया गया था, और बाद में यह तकनीक अन्य राज्यों में भी लागू किया गया। वर्तमान में, वीवीपैट चुनाव प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण और आवश्यक तकनीकी उपाय है जो लोकतंत्र के मूल्यों और नियमों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।